अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष रामबचन राम राजभर का उत्तर प्रदेश का भ्रमण

अपने अधिकारों के लिए संगठित होना पड़ेगा: रामबचन राम राजभर 

उत्तराखड हेड लाइंस

देहरादून।अखिल भारतीय ओबीसी महासभा  के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष रामबचन राम राजभर का उत्तर प्रदेश का भ्रमण जहां उन्होंने जहूराबाद विधानसभा के अन्तर्गत कासिमाबाद, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा- ओबीसी, एससी एसटी अल्पसंख्यक संयुक्त  संगठन के तरफ से जागरूकता सदस्यता एक मिटींग का आयोजन किया गया। इस मिटिंग की अध्यक्षता जिला पंचायत सदस्य रूदल राजभर ने किया। सबसे पहले रूदल राजभर  ने परिचय से मिटिंग की शुरुआत किये।

जहूराबाद विधानसभा के अन्तर्गत कासिमाबाद, गाजीपुर, उत्तर प्रदेश में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा- ओबीसी, एससी एसटी अल्पसंख्यक संयुक्त  संगठन के तरफ से जागरूकता सदस्यता एक मिटींग।

संगठन के पदाधिकारी बनारस मंडल के महासचिव राजकुमार मौर्या  ओबीसी जाती के उपर विचार रखते हुए उन्होंने बताया कि ओबीसी समाज ज्ञान अधूरा शिक्षा के बिना पिछड़ा हुआ है। दुसरा उन्होंने बताया कि आपको  अपने अधिकार के लिए लडना पडेगा, इसके लिए संगठित होना पडेगा, बिना संगठित लड़ाई- नहीं लड सकते हैं। उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष रामबचन राम राजभर ने कहा  की पिछड़े होने का मुख्य कारण है कि ओबीसी के लोग अपने आप को पहचान नहीं पाये कि हम ओबीसी शुद़ वर्ण में आते हैं वह अपने आप को समझता है कि हम भी सवर्णों के कटेगरी में हैं । इसलिए राजभर अपने नाम के आगे भारद्वाज पंडित, क्षत्रिय  राजपूत लिखना चाहता है। इसलिए पुजा पाठ, मनुवादियों का मनगढंत ब्यवस्था अंधविश्वास पाखंड में जिता व मरता है, इसके आगे अपने बच्चों की परवरिश पढाई लिखाई पर ध्यान नहीं देता है।

 उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष रामबचन राम राजभर ने कहा कि अलावा आत्म विश्वास की कमी है, चिंतन मंथन नहीं करता, अपने चौबीस घंटे दिनचर्या का भी समय का सदुपयोग व लेखाजोखा नहीं रखता कि आज चौबीस घंटे में मै कौनसा काम किया कौनसा काम अधुरा रह गया जैसे बनिया अपने दुकान का क्रय-विक्रय घाटा मुनाफा का रोज हिसाब रखता है उसी तरह से आप चौबीस घंटे का हिसाब रखये, जिस दिन से आप चौबीस घंटे का लेखा जोखा रखना शुरू कर दिए उस दिन से आपका तरक्की का दरवाजा खुल जायेगा। इस मौके पर ओबीसी जनगणना अभी नहीं तो कभी नहीं, वरना हिस्सेदारी नहीं, इस पर प़काश डालते हुए एक विडियो भी बनाया गया। इस मौके पर सुरेन्द्र राजभर, सुरेश राजभर, सदाफल राजभर, महिलायें व सभी ग़ामवासी उपस्थित थे।